
रत्नांचल Express 24 देवभोग:- झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मुख्यालय से लेकर गांव गांव में इलाज करने की खबर नवप्रदेश में प्रकाशित के बाद आज स्थानीय स्वास्थ अमला द्वारा छापेमार कार्यवाही करते आर एल पंडा के निजी क्लिनिक को सील करने के अलावा देवमाता अस्पताल के संचालक को नोटिस देने की कार्यवाही को अंजाम दिया जिसके बाद से यह कार्यवाही को लेकर जगह जगह खिल्ली उड़ाया जा रहा है क्योंकि शासकीय अस्पताल से निकलते ही निजी क्लीनिकों का दुकान शुरू हो जाता हैं इसके मुख्यालय को छोड़ने के बाद अक्सर गांव में 8वी 10 वी पास व्यक्ति भी इलाज करता नजर आता है फिर भी एक क्लिनिक को सील और देवमाता अस्पताल के संचालक को नोटिस की कार्यवाही समझ से परे है उल्लेखनीय हो कि बीते दिन नवप्रदेश द्वारा झोलाछाप डॉक्टरो द्वारा ईलाज करने को लेकर प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित किया रहा जिसके बाद जिला अधिकारियों के निर्देश पर बीएमओ प्रकाश साहू अपने दल बल के साथ सबसे झाखरपारा मार्ग पर स्थित पंडा डॉक्टर के क्लीनिक पर दबिश देते दस्तावेज की दिखाने कहा लेकिन मौके पर किसी प्रकार की कोई दस्तावेज नहीं रखकर इलाज वाले क्लीनिक को सील कर दिया इसके बाद जांच टीम देवमाता अस्पताल पहुंची जहां कौने कौने की अव्यवस्था को देख नोटिस जारी करते दस्तावेज मंगाया गया है तत्पश्चात टीम ने गिरसूल सीनापाली इलाके का मुआयना किया मगर झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी अपनी दुकान बंद कर अंडरग्राउंड रहे हालांकि गांव गांव घातक झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही करना अतिआवश्यक बताया जाता क्योंकि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के चलते अधिकांश मरीजों को शारीरिक नुकसान उठाना पड़ रहा है जिसके मद्देनजर बीएमओ प्रकाश साहू ने यह कार्यवाही नितरण जारी रखने का संकेत दे दिया है
यह तीन जगह दवाइयों का ज़किरा लेकर करते हैं ईलाज
पहला _ सीतलीजोर पर बंगाली नमक डॉक्टर दवाईयों का ज़कीरा लेकर भतराबहेली फ़लसापारा माहुलकोट गाड़ाघाट के भोले भाले आम मरीजों के बीच पहुंचकर हाई डोज के साथ ईलाज करते लोगो को लूटने के साथ उनकी शरीर को भी नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है जबकि इस तथाकथित डॉक्टर के खिलाफ कुछ माह पहले कार्यवाही भी किया गया रहा लेकिन अधिकारियों से सांठ गांठ कर पुनः झोलाछाप डॉक्टर बनकर मरीजों की जिंदगी से खेल रहा है
दूसरा _ दरलीपारा इलाके में तथाकथित पात्र डाक्टर द्वारा बेक में दवाई का ज़किरा लेकर धूपकोट नागलदेही तुवासमाल सहित आजू बाजू के गांव में हर शाम इलाज करते देखे जा सकते है बताया तो यह भी जाता हैं कि जितना अस्पताल की दवाई उपयोग उससे कई गुना हाई डोज दवाई मेडिकल से लेकर आम मरीजों के इलाज में लगा देते हैं जिससे स्थानीय स्वास्थ अमला भी अवगत है मगर अफसोस की बात है कि अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाया
तीसरा _मुख्यालय से करीब 7 किलोमिटर दूर डोंगरीगुड़ा के अलावा माहुलकोट पर बंगाली डॉक्टर द्वारा मूचबहाल कदलीमुड़ा के साथ आजू बाजू के कई गांव में घूम घूम कर ईलाज करते हैं इनके पास तो ऐसे ऐसे दवाई उपलब्ध होने की बात कही जाती जो मुख्यालय के डॉक्टर भी इस्तेमाल नहीं करते और ऐसे दवाई से ही मरीजों की तबियत और अधिक खराब होने की अंतिम स्थिति में शासकीय अस्पताल लेने का सलाह देते हैं